Skip to main content

पौड़ी | Pauri

पौढ़ी गढ़वाल भारतीय राज्य उत्तराखंड का एक शहर है। यह पौढ़ी गढ़वाल जिला का मु़यालय है। पौढ़ी गढ़वाल जिला वृत्ताकार रूप में है। जिसमें हरिद्वारदेहरादूनटिहरी गढ़वालरूद्वप्रयागचमोलीअल्‍मोड़ा और नैनीताल सम्मिलित है। यहां स्थित हिमालय, नदियां, जंगल और ऊंचे-ऊंचे शिखर यहां की खूबसूरती को अधिक बढ़ाते हैं। पौढ़ी समुद्र तल से लगभग 1814 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बर्फ से ढके हिमालय शिखर पौढ़ी की खूबसूरती को कहीं अधिक बढ़ाते हैं।
pauri के लिए चित्र परिणाम


कंडोलिया


शिव मंदिर (कंडोलिया देवता) पौढ़ी से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कंडोलिया देवता का यह मंदिर वहां के भूमि देवता के रूप में पूजे जाते हैं। इस मंदिर के समीप ही खूबसूरत पार्क और खेल परिसर भी स्थित है। इससे कुछ मिनट की दूरी पर ही एशिया का सबसे बड़ा स्‍टेडियम रांसी भी है। गर्मियों के दौरान कंडोलिया पार्क में पर्यटकों की भारी मात्रा में भीड़ देखी जा सकती है। यहां आने वाले पर्यटक अपने परिवार के साथ यहां का पूरा-पूरा मजा उठाते हैं। इस पार्क के एक तरफ खुबसूरत पौढ़ी शहर देखा जा सकता हैं वहीं दूसरी ओर गंगवारेशियन घाटी भी स्थित है।
kandoliya mandir pauri के लिए चित्र परिणाम
kandoliya mandir pauri के लिए चित्र परिणाम


बिंसर महादेव

बिंसर महादेव मंदिर 2480 मी. ऊंचाई पर स्थित है। यह पौढी से 114 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह अपनी प्राकृतिक सौन्‍दर्यता के लिए जानी जाती है। यह मंदिर भगवान हरगौरी, गणेश और महिषासुरमंदिनी के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इस मंदिर को लेकर यह माना जाता है कि यह मंदिर महाराजा पृथ्‍वी ने अपने पिता बिन्‍दु की याद में बनवाया था। इस मंदिर को बिंदेश्‍वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
binsar mahadev pauri के लिए चित्र परिणाम

binsar mahadev pauri के लिए चित्र परिणाम


ताराकुंड

ताराकुंड समुद्र तल से 2,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ताराकुंड बहुत ही खूबसूरत एवं आकर्षित जगह है। जो पर्यटकों का ध्‍यान अपनी ओर अधिक खींचती है। ताराकुंड अधिक ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां से आस-पास का नजारा काफी मनमोहक लगता है। एक छोटी सी झील और बहुत पुराना मंदिर इस जगह को ओर अधिक सुंदर बनाता है। साथ ही ऊंची पहाड़ियों के बीच बने मंदिर के साथ नौ बांस गहरा कुआं भी है, जो खुद में एक आश्चर्य है, बताया जाता है कि स्वर्गारोहण के वक्त पांडव यहां आए थे और उन्होंने ही ये मंदिर बनाया था। यहां तीज का त्‍यौहार, यहां रहने वाले स्‍थानीय निवासियों द्वारा बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। क्‍योंकि यह त्‍यौहार विशेष रूप से भूमि देवता को समर्पित होता है। ताराकुंड पहुंचने का एक रास्ता सिरतोली गांव से होकर भी जाता है,
tarakund pauri garhwal के लिए चित्र परिणाम


दूधातोली

दूधातोली 31,00मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह स्‍थान जंगल से घिरा हुआ है। यहां तक पंहुचने के लिए थलीसैन से होते हुए पीठसैण पंहुच कर पंहुचा जा सकता है।सड़क द्वारा पीठसैण से दूधातोली की दूरी 10 किलोमीटर है। दूधातोलीपौढ़ी के खूबसूरत स्‍थानों में से एक है। यह स्‍थान हिमालय के चारों ओर से घिरा हुआ है। यहां का नजारा बहुत ही आकर्षक है जो यहां आने वाले पर्यटकों को सदैव ही अपनी ओर आ‍कर्षित करता है। गढ़वाल के स्‍वतंत्रता सेनानी वीर चन्‍द्र सिंह गढ़वाली को भी यह स्‍थान काफी पसंद आया था। इसलिए उनकी यह अंन्तिम इच्‍छा थी कि उनकी मृत्‍यु के बाद उनके नाम से एक स्‍मारक यहां पर बनाया जाए। यह स्‍मारक ओक के बड़े-बड़े वृक्षों के बीच स्थित है। जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में 'नेवर से डाई' लिखा गया है।


ज्वाल्‍पा देवी मंदिर

यह क्षेत्र प्रसिद्ध शक्ति पीठ माता दुर्गा को समर्पित है। इस स्‍थान की दूरी पौढ़ी-कोटद्वार सड़क मार्ग 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्‍थान भी प्रमुख धार्मिक स्‍थानों में से एक है। हर साल भक्‍तगण भारी संख्‍या में माता के दर्शनों के लिए यहां आते हैं। पौढ़ी-कोटद्वार सड़क मार्ग से पौढ़ी स्थित ज्वालपा देवी मंदिर की दूरी 34 किलोमीटर है। हर साल नवरात्रों के अवसर पर यहां जालपा देवी की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। यहां पर एक संस्कृत विद्यालय भी है, जहां दूर-दूर से आने वाले विद्यार्थी शिक्षा-दीक्षा ग्रहण करते हैं
jwalpa devi mandir pauri garhwal के लिए चित्र परिणाम

खिर्सू

खिर्सू मंडल मुख्यालय पौड़ी से 19 किमी की दूरी पर स्थित है। खिर्सू से हिमालय की रेंज के दीदार होते हैं, यह एक पर्यटक ग्राम है। यहीं कारण है कि यह जगह भारी संख्‍या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां से बहुत से जाने-अनजाने नाम वाले शिखरों का नजारा देखा जा सकता है। यह पौढ़ी से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। खिर्सू काफी शन्तिपूर्ण स्‍थल है। इसके अलावा खिर्सू पूरी तरह से प्रदूषण रहित जगह है। यह जगह ओक, देवदार और सेब के बगीचों से घिरी हुई है। यहां सबसे पुराने गं‌ढीयाल देवता का मंदिर भी स्थित है।
khirsu के लिए चित्र परिणाम

khirsu के लिए चित्र परिणाम

Comments

Popular posts from this blog

गढवाली जोक in शायरी Style | Garhwali Shayari Joke

Joke's in Garhwali Shayari  एक नौनि पाणी का पंदेरा मा दिख ग्याई, तैंकी तस्वीर मेरा दिल मा छपी ग्याई।  जब तक मि अपणी दिल की बात तेंं मा बतौंदू, माँ कसम तबारी तैन बोली: भैजी तुमारू भाण्डू भरै ग्याई॥

गढवाली WhatsApp जोक्स आदि के शौकीनों के लिये रैबार | Message for Garhwali WhatsApp Joke's Lovers

Garhwali Whatsapp Jokes देवभूमि दर्शन पेश करतेंं हैं गढवाली WhatsApp जिसके माध्यम से आप गढवाली जोक्स, शायरी, आदि मजेदार सामग्री का आनंद लें सकतें हैं। आप हमें गढवाली भाषा में अपने WhatsApp संदेश भी भेज सकतें हैं। संदेश के माध्यम से आप हमें निम्नलिखित प्रकार की सामग्री भेज सकतें हैं: जोक्स | Joke's शायरी | Shayari Funny पिक्चर (ग़ढवाल से सम्बंधित) | Funny Picture's संदेश (उत्तराखण्ड से सम्बंधित) | Message's वीडियोज आदि | Videos and etc. नोट: मैसेज भेजते समय अपना नाम व गाँव का नाम जरूर भेजें।  *मैसेज भेजने हेतु सम्पर्क सूत्र में जाकर किसी भी एक माध्यम को चुनिये और संदेश भेजें

किशना बगोट गढवाली चुटकुले MP3