दिल मेरू लूच्यालि | Garhwali Poem
दिल फर दाग लगै त्वैन दगड्या,
दिल मेरु लूछ्याल,
कनुकै बतोण ज्युकुडी अपडी,
तेरी स्वाणी मुखडी बसि च मेरा मन मा,
भौ कुछ त्वैन कैरयाल,
दिल फर दाग लगै त्वैन दगण्या,
दिल मेरू लूछ्याल॥
तेरी हैसदी मुखणी कनि भलि स्वाणी,
सुपिनौ मा मैं सनक्याल,
दिल फर दाग लगै त्वैन दगण्या,
दिल मेरु लूछयाल॥
जब देखदु छौ मैं तेरा लटका झटका,
मैकू लगि जांदी कुतगलि,
दिल फर दाग लगै त्वैन दगण्या,
दिल मेरु लूछयालि॥
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