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Feature Post | देवभूमि विशेष

गढवाली जोक in शायरी Style | Garhwali Shayari Joke

Joke's in Garhwali Shayari  एक नौनि पाणी का पंदेरा मा दिख ग्याई, तैंकी तस्वीर मेरा दिल मा छपी ग्याई।  जब तक मि अपणी दिल की बात तेंं मा बतौंदू, माँ कसम तबारी तैन बोली: भैजी तुमारू भाण्डू भरै ग्याई॥
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देवभूमि Download | Download Music, Videos & etc.

गढ़वाली-कुमाँउनी MP3, MP4 गीत, चुटकुलें आदि डाउनलोड करने हेतु लोग ओन करे हमारी नयी वेबसाइट "देवभूमि Downloads" पर। उपर्युक्त साइट पर देवभूमि ग्रुप द्वारा गढ़वाली गाने व वीडियोज Upload कर दिये गये हैं।  देवभूमि Downloads: uk-download.blogspot.in धन्यवाद!

गढवाली WhatsApp जोक्स आदि के शौकीनों के लिये रैबार | Message for Garhwali WhatsApp Joke's Lovers

Garhwali Whatsapp Jokes देवभूमि दर्शन पेश करतेंं हैं गढवाली WhatsApp जिसके माध्यम से आप गढवाली जोक्स, शायरी, आदि मजेदार सामग्री का आनंद लें सकतें हैं। आप हमें गढवाली भाषा में अपने WhatsApp संदेश भी भेज सकतें हैं। संदेश के माध्यम से आप हमें निम्नलिखित प्रकार की सामग्री भेज सकतें हैं: जोक्स | Joke's शायरी | Shayari Funny पिक्चर (ग़ढवाल से सम्बंधित) | Funny Picture's संदेश (उत्तराखण्ड से सम्बंधित) | Message's वीडियोज आदि | Videos and etc. नोट: मैसेज भेजते समय अपना नाम व गाँव का नाम जरूर भेजें।  *मैसेज भेजने हेतु सम्पर्क सूत्र में जाकर किसी भी एक माध्यम को चुनिये और संदेश भेजें

लूंगा स्पेशल जोक्स । The Loonga Specical Joke's

लूंगा मास्टर जी पार्ट 1 Garhwali WhatsApp Joke's मास्टर जी (लूंगा से): बेटा उत्तराखण्ड मा कति बांध छन? लूंगा : गुरजी 4। मास्टर जी : चार कु। लूंगा : ता.... छकना बांद  फुर्की बांद  माया बांद सिल्की बांद

Garhwali WhatsApp Joke's | गढवाली व्हाट्सएप्प जोक्स

गढवाली जोक्स |Garhwali Jokes | Garhwali WhatsApp Jokes UP की महिला ने गढ़वाली महिला से पूछा -  क्या हो रहा है बहन जी। गढवाली महिला -  क्या होना बहन जी,  न गरम पच रहा है न ठंड पच रहा है,  सुदी मुदी घाम में कपाल तच रहा है। 

प्रागैतिहासिक काल | Prehistoric Time | History 1 A

उत्तराखण्ड के विभिन्न स्थलों से प्राप्त होने वाले पाषाणोपकरण, गुफा, शैल-चित्र, कंकाल मृदभाण्ड तथा धातु-उपकरण प्रागैतिहासिक काल में मानव निवास की पुष्टि करते हैं। इस काल के प्रमुख साक्ष्य निम्न प्रकार से हैं‌: लाखु गुफा: 1963 में खोजे गए लाखु उड्यार जो कि अल्मोड़ा के बाड़ेछीना के पास दलबैंड पर स्थित हैं, से मानव व पशुओं के चित्र प्राप्त हुए हैं। मानव आकृतियोंं को अकेला या समूह में नृत्य कहते दिखाया गया हैं। विभिन्न पशु-पक्षियों का भी चित्रण किया गया हैं। इसके अलावा, चित्रों को रंगोंं से भी सजाया गया हैं।  

गढवाली-कुमाऊनी कवियों के लिए रैबार । Message for Garhwali-Kumaoni Poets

आप सभी गढवाली व कुमाऊनी भाषाओं के प्रेमियों को हमारा नमष्कार। यदि आप गढवाली या कुमाऊनी भाषाओं में कविताएँ, चुटकुलें आदि लिखनेंं में रुचि रखतें हैं परंतु आपके द्वारा लिखी गयी कविताओं को उचित मार्गदर्शन अथवा मूल्य नहीं मिल पाता तो हम आपका अभिनंदन करतें हैं।  आप अपनी लिखी गयी कविता अथवा चुटकुलों आदि को हमें फेसबुक पेज के माध्यम से या ई-मेल द्वारा भेज सकतें हैं। आपकी द्वारा लिखी गयी कविताओं को हम ब्लोग व फेसबुक पेज के माध्यम से उत्तराखण्ड की जनता के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।